जनकपुर बोल्ट्स (कविता)
जन्म लैते प्रख्यात भ गेल,
जेना रहा कोनो अवतार,
मधेशी युवाके हृदय मे,
बना लेलक अछि बास |
जानकी मन्दिर के प्रतिक सँग,
कयल गेल सँखघोष,
एन.पी.एल. के शुभारम्भ सँग,
व्याप्त भेल चहूवोर |
सडक, सहर, सदर मे,
चर्चा अछि सबठाम,
जनकपुर बोल्ट्स के गर्जन सँ,
मचल अछि घामासान |
धोति, कुर्ता, गम्छा के,
फहरा रहल अछि पताखा,
टि.यु. क्रिकेट मैदान मे,
धमकि रहल अछि बाजा |
सुधि-बुद्धि और रणनीति सँ,
कय रहल अछि चमत्कार,
नाना भाँतिक निकृष्ट टिप्पणी के,
दय रहल अछि जित सँ जवाव |
अन्तिम खेल अछि आजु,
सहोदर सुदूरपश्चिम संग,
विजय पाताखा फहरा कय,
चुमी लिय एन.पी.एल. कप ||
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–डा० बिरेन्द्र “मुनिजी”